श्रीमद्भागवताऽमृतम्॥

सच्चिदानन्दरूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे।
तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:॥

श्रीरामकथाऽमृतम्।

रामकथा जहं सुरसरी धारा। सरसई ब्रह्म बिचार प्रचारा॥
बिधि निषेधमय कलिमल हरनी। करमकथा रबिनंदिनी बरनी॥

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शाकद्वीपीय ब्राह्मण परिचय

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श्रीमद्भागवतामृतम्- बोधीपारा

श्रीमद्भागवतामृतम्- बोधीपारा

।।श्रीमद्भागवतामृतम्।। सच्चिदानन्द रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे । तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ।। क्रमांक- 189/2022 स्थान-ग्राम बोधीपारा सौजन्य -...

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श्रीमद्भागवतामृतम्- नानापुरी

श्रीमद्भागवतामृतम्- नानापुरी

।।श्रीमद्भागवतामृतम्।। सच्चिदानन्द रूपाय विश्वोत्पत्यादि हतेवे । तापत्रय विनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ।। क्रमांक- 188/2021 स्थान-ग्राम नानापुरी सौजन्य -...

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श्रीमद्भागवतामृतम् – भुसुण्डी

श्रीमद्भागवतामृतम् – भुसुण्डी

श्रीमद्भागवतामृतम् श्रीराधा सच्चिदानन्दरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे । तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः ।। क्रमांक - 186/2021 स्थान -भुसुण्डी सौजन्य -...

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हमारी सेवायें ही क्यों?

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अगर आप एक अच्‍छा और कम लागत पर अपनी वेबसाईट बनवाना चाहते हैं और अपने नाम, संस्था(ट्रस्ट), संगठन, विद्यालय, समिति, कम्पनी या व्‍यापार को एक नया आयाम देना चाहते...

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उपयोगी बातें

श्रीशुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी

श्रीशुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी

श्रीशुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी ॐ मङ्गलाचरणम् वन्दे सिद्धिप्रदं देवं गणेशं प्रियपालकम् । विश्वगर्भं च विघ्नेशं अनादिं मङ्गलं विभूम् ॥ अथ ध्यानम् -...

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कुछ याद रहे कुछ भुला दिए

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कुछ याद रहे कुछ भुला दिए हम प्रतिक्षण बढ़ते जाते हैं, हर पल छलकते जाते हैं, कारवां पीछे नहीं दिखता, हर चेहरे बदलते जाते हैं। हर पल का संस्मरण लिए, कुछ धरे,...

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चौरासी लाख योनियों का रहस्य

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चौरासी लाख योनियों का रहस्य हिन्दू धर्म में पुराणों में वर्णित ८४००००० योनियों के बारे में आपने कभी ना कभी अवश्य सुना होगा। हम जिस मनुष्य योनि में जी रहे हैं...

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देवर्षि नारद

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जब दूसरा सत्ययुग चल रहा था, उस सतयुग में सारस्वत नामक एक ब्राह्मण हुए, उन्हें सारे वेद वेदाङ्ग पुराण कंठस्थ थे । उत्तम बुद्धि तो ब्राह्मण के पास थी ही, साथ ही...

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भगवान परशुराम

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भगवान परशुराम परशुराम जी स्वभाव से क्यों थे इतने क्रोधी? आखिर क्षत्रियों से क्यों हुआ इनको बैर? सूर्य पुत्र वैवस्वत मनु हुए, इन्हें श्राद्धदेव भी कहते थे।...

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मां नर्मदा

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मां नर्मदा कहते हैं नर्मदा ने अपने प्रेमी शोणभद्र से धोखा खाने के बाद आजीवन कुंवारी रहने का फैसला किया लेकिन क्या सचमुच वह गुस्से की आग में चिरकुवांरी बनी रही...

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विवाह में सात फेरे ही क्यों लेते हैं?

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विवाह में सात फेरे ही क्यों लेते हैं? आखिर हिन्दू विवाह के समय अग्नि के समक्ष सात फेरे ही क्यों लेते हैं? दूसरा यह कि क्या फेरे लेना जरूरी है? पाणिग्रहण का...

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जीवन का कठोर सत्य

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जीवन का कठोर सत्य भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए। द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर स्वयं शिव से मिलने अंदर चले गए। तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा...

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कुण्डलीमिलान—कितना उचित, कितना व्यावहारिक?

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कुण्डलीमिलान—कितना उचित, कितना व्यावहारिक लड़का-लड़की के विवाह हेतु दोनों की जन्मकुण्डली का मिलान करने की परम्परा है, जिसे मेलापकविचार, अष्टकूटमिलान,...

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तेरी आरती उतारूं नंद लाल जी।

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तेरी आरती उतारूं नंद लाल जी। आवो आवो है मेरे गोपाल जी।। हिमालय की शुभ्र ज्योत्सना। पावन मन की शीतल भावना।। तुमको परोसूं भरी थाल जी। आवो आवो है मेरे गोपाल जी।।...

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