आयुर्वैदिक प्रयोग ०१

by | Jun 15, 2020 | 0 comments

हमारे समाज में देखा जाता है कि कुछ बजुर्ग ऐसे होते हैं जिन्‍हें उनके शरीर के जोड़ों में या अन्‍य अवयवों में असहनीय दर्द होता है। बच्‍चे दवा दे जाते हैं परन्‍तु सेवा नहीं कर पाते। प्राय: सभी दवाओं में ये लिखा रहता है कि दवा दर्द के स्‍थान पर लगा कर मालिश करें। पर समस्‍या ये रहती है कि मालिश कौन करे क्‍योंकि मालिश करने वाला नहीं है तो हम यहां एक ऐसी दवा जो आपके घर में ही सामान उपलब्‍ध हो जावेगा या साधारण बाजार में भी जो उपलब्‍ध है, सस्‍ता है – आपको बताने जा रहें हैं। इस दवा की शर्त एक यहीं है कि दर्द के स्‍थान पर इसे लगा कर मालिश नहीं करना है। लगाकर छोड़ देना है। कुछ ही दिनों में दर्द काफूर हो जावेगा। जल जाने, दतैया या डंक वाले कीड़े काट ले तो भी ये दवा कारगर है। विशेष जोड़ों के दर्द या मासपेसीयों के दर्द पर पूर्ण लाभ दायक है।
घटक – 
कपूर – 12 ग्राम, पिपरमेण्‍ट- 12 ग्राम, अजवायन का सत या फूल – 12 ग्राम, नीलगीरी का तेल – 05 ग्राम, सरसों का तेल – 250 ग्राम।
बनाने की विधि- 
सरसों के तेल और नीलगीरी के तेल को छोड़कर बाकी सभी औषधियों को एक शीशी में डाल दें और शीशी का मुंह अच्‍छी तरह से बंद कर दे अन्‍यथा सभी दवा उड़ जावेंगे। थोड़ी देर बाद सभी आपस में मिलकर पानी जैसे हो जावेंगे। अब सरसों के तेल में सबको मिलाकर बाद में नीलगीरी का तेल मिलावे। 12 घण्‍टे रखे रहने दें फिर प्रयोग में लावें। केवल बाह्यप्रयोगार्थ है।
आशा है आप सब इसका लाभ अवश्‍य उठावेंगे।

Written By Chhatradhar Sharma

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