दान का रहस्य

दान का रहस्य

दान का रहस्य

स्कन्द पुराण में वर्णन है कि राजा धर्मवर्मा ने दान के तत्व जानने के लिए तप किया तो आकाशवाणी द्वारा एक श्लोक में इसके रहस्य का वर्णन किया गया —-

द्विहेतुः षडधिष्ठानं षडअंगं च द्विपाकयुक।
चतुष्प्रकार त्रिविधं त्रिनाशं दानमुच्यते।।

अर्थात दान के दो हेतु, छः अधिष्ठान , छः अंग, दो फल, चार प्रकार, तीन भेद एवं तीन विनाश के कारण है।

दान के हेतु दो —-
1- श्रद्धा
2- शक्ति

दान के छः अधिष्ठान —–
1- धर्मदान
2- अर्थ दान
3- काम दान
4- लज्जा दान
5- हर्षदान
6- भय दान।

दान के छः अंग——-
1- दानकर्ता
2- प्रतिग्रहीता
3- शुद्धि
4- दान का पदार्थ
5- देश या स्थान
6- काल या समय।

दान के दो फल——
1- इहलोक
2-परलोक

दान के चार प्रकार——
1- ध्रुव
2- त्रिक
3- काम्य
4- नैमित्तिक

दान के तीन भेद—–
1- उत्तम
2- मध्यम
3- कनिष्ठ

दान के नाश के तीन कारण——-
1- पश्चाताप
2- अपात्रता
3- अश्रद्धा ।

जय जय श्री राम

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